Darlings movie 2022 story
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Darlings Movie Story,review
डार्लिंग्स ' बहुत दिनों बाद ओटीटी पर कुछ ढंग का देखने को मिला है , लेकिन बात वही है कि यहां चीजें अच्छे से शुरू तो होती हैं , लेकिन बीच में झोल खाने लगती है ।
कहानी में कुछ नयापन नहीं है , पर फिल्माया ठीक से है और माहौल भी बना ही लिया ।
इसे ब्लैक कॉमेडी कहा जा रहा है , लेकिन कुछ ही जगह पर पुलिस का मजाक बनाए बगैर कोई कॉमेडी जैसे संभव ही नहीं है ।
आधी फिल्म पति की ज्यादती पर है , तो आधी हिसाब चुकाती है , मगर यहां पटकथा कमजोर हो जाती है । अच्छी खासी चलती फिल्म हिचकोले लेने लगती है और अंत में लगता है कि दाल सिजी नहीं और परोस दी ।
नेटफ्लिक्स पर ' डार्लिंग्स ' की जान है शैफाली शाह और उनका बराबरी से साथ दिया है आलिया भट्ट ने । कमाल का अभिनय किया है दोनों ने । थोड़ी कॉमेडी भी इनकी वजह से देखने काबिल हो जाती है ।
पुलिस थाने के दृश्य नकली हैं , मगर इनके अभिनय से सम्हल जाते हैं । विजय वर्मा अच्छे अभिनेता हैं , मगर ना जाने क्यों बुरा ही ज्यादातर बनाया जाता है कि पहले अंदाज हो जाता है कि इसके तो काम लगने वाले हैं । ढंग का चेहरा - मोहरा है , मगर छवि ने कब्जा जमा रखा है
रोशन मैथ्युज को इस तरह के रोल में पहले भी देख चुके हैं तो कुछ नया नहीं लगता है ।
पटकथा अगर सी और कसी हुई होती तो ' डार्लिंग्स ' देखने काबिल बन जाती ।
विशाल भारद्वाज का संगीत है तो एक पर एक फ्री की तरह गुलजार के गीत हैं ,
मगर यह बासी कढ़ी है ... इसमें उबाल नहीं आ पाता है । निर्देशक जसमीत के रीन ने अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी है और उम्मीदें कायम रखी हैं ।
हां लिखना उनके बस का नहीं है । फिल्म की लंबाई भी सवा दो घंटे कुछ ज्यादा ही है । बोर करती है , कभी - कभी और कमजोर दृश्य चिढ़ पैदा करते हैं । सिनेमाघरों में सटा है तो अकेले या परिवार के साथ ' डार्लिंग देख सकते हैं । ज्यादा उम्मीद नहीं रखेंगे तो निराश भी नहीं होंगे !